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दिल्ली वाले प्रिंस की कहानी

एक लड़के के मन की इच्छा क्या हो सकती है? भाई एकखूबसूरत बंदी, एक गाडी, एक बांग्ला और पैसा।

यदि मैं बात करू आज के दौर की, तो आपके अंदर अनंत इच्छाएं है। यदि में बात करू इस समय आज आपकी क्या क्या इच्छाए है? आज सब में पूरी करूँगा तो सबसे पहले तो आप यही कहेंगे मेरे पास बोहोत सारा पैसा आ जाये, सवाल ये है कि कितना पैसा? कितना पैसा- एक लाख? नहीं नहीं इतने में क्या होगा? तो फिर एक करोड़? नहीं नहीं और एक अरब? हम्म नहीं इतने में भी नहीं। थोड़ा और चलो कितना थोड़ा और आप ही बताओ। जी दस हजार अरब! इतना मिल जायेगा ? ठीक मिल जायेगा। तथास्तु और बताइये और क्या चाहिए? जो बुगाटी कार दिलवा दो एक और एक लुम्बारागिनी और स्लिम सी मस्त बोहोत खूबसूरत वर्जिन लड़किया हर रोज एक अरे एक नहीं कम से कम रोज 10 नयी. तथास्तु ये भी दिया। जी और और क्या मांगू ? मुझे पूरी का राजा बना दो जो में कहु वो हो जैसा में कहु वैसा हो, ऐसा हो जायेगा? बिलकुल ऐसा ही होगा तथास्तु! और क्या चाहिए बचा और बताओ? जी में अमर हो जाऊ मुझे कोई न मार सके और सर्वशक्तिशाली हो जाऊ। अति उत्तम। तथास्तु। इसके अलावा और क्या इच्छा है? जी मेरी एक आखिरी इच्छा है? तो भगवन बोले क्या इच्छा है वो भी आखिरी सब तो मांग लिया। चल बच्चा बोल क्या है आखिरी इच्छा तेरी? भगवन बस मेरी हर इच्छा पूरी हो। भगवन हस्ते हस्ते रो पड़े वो तुम लोगो का कुछ नहीं होने वाला घोर कलयुग है। तथास्तु बोल कर भगवन चले गए।

और अब शुरू होता है उस बच्चे का खेल शुरू। उसको सब मिल गया लेकिन उसके बाद भी उसको रहा न नहीं गया बोहोत बुलाया एक भगवन दर्शन दो मझे और कुछ चाहिए तब एक साल हो गया मांगते मानते मांगते भगवन ने दर्शन नहीं तो बोला मैंने आखिरी वरदान जो माँगा था तो अब भगवान् को परेशान की जरुरत तो मुझे अब है नहीं।तो जो मुझे मांगना था वही मेरे आखिरी इच्छा में निहित था।

तो अब मांगता हु, "भगवन मुझे एक हवा महल दे दो, में जहा भी जाऊ मेरे साथ रहे अब क्या था बन्दे ने महल मांग लिया उसमे बड़ी ही खूबसूरत सी गोल्डन या फिर यु कहो सुनहरी रंग की बड़ी ही खूबसूरत सी लड़की थी जिसका जिस्म दूध सा गोरा और कमल के फूल सा मुलायम और बेसुमार खुसबू वो भी हर तरह की खुशबु के साथ, नीली रंग की मोटी आखे, गुलाबी होंठ, पतली सी कमर और कमर का निचे का हिस्सा ढका हुआ था गुलाबी रंग के कपड़ों से और घुटनो से निचे जो बेहद ही खूबसूरत टाँगे और पैर तो इतने खूबसूरत की बस उसी में खो जाये कोई इतने प्यारे। कमर से ऊपर और गर्दन से निचे गुलाबी रंग के कपड़े शायद गुलाबी कहना गलत होगा वो रंग ऐसा लगता है जैसे भी कभी तो वो गुलाबी लगता है और कभी लाल और कभी रानी रंग का। और होठो का रंग बिलकुल ऐसे ही बदल रहा था कभी तो वो गुलाबी लगता है और कभी लाल और कभी रानी रंग का। बाल इतने खूबसूरत की पूछो न।लम्बा सा चेहरा मानो की बड़ी ही फुर्शत से बनाया हो। बस पास जाते ही जब उसको छुआ तो बस ऐसा लगा मानो की स्वर्ग की अप्सरा होती होंगी शायद बिलकुल वैसे ही। ठंडी ठंडी मेथो मीठी हवा और हम दोनों क्या एहसास है, इस एहसास में जो मजा है वो शायद दुनिया में कही नहीं ।

बस क्या था अब मैंने पूछा आपका नाम क्या है? बहुत मुस्कुराकर बोली मेरा नाम ऐश्वर्या है आपका नाम क्या है? में हड़बड़ा कर तुतलाकर बोला क्योकि आवाज़ ही इतनी सुन्दर थी की मानो बस उसके हर एक शब्द को सुनता रहु सुनता रहु बस सुनता रहू ऐसी मनमोहक सुरीली आवाज़, में बोला - जी प्रिंस, है प्रिंस मेरा नाम प्रिंस है, जी आप बेहद ही नायाब हो, बोहोत खूसूरत हो ऐसा तो मैंने ना आज तक देखा न, सुना है. ऐश्वर्या जी बोली ऐसा मत कहो में इतनी भी सुन्दर हु तभी वो जैसे ही गिरने वाली थी मैंने पकड़ लिया और हाथ में मेरा गया ऐश्वर्या की कमर में, भाई क्या माहौल बन गया कमर इतनी मुलायम की क्या कहे, बाल तो ऐसे बिखरे की क्या ही बताऊ। बाबा ये ऐसा मंजर था कि मुँह जुबानी बताया नहीं जा सकता एक ऐसा एहसास जिसको बयां नहीं किया जा सकता। मनमोहक खुशबु, मुलायम बदन वो भी बेहद खूबसूरत बिलकुल दूध साथ और होठ ऐसे की मन करे की चूश लू। बस अब मुझसे ज्यादा देर संभाला नहीं गया में ऐश्वर्या के ऊपर ही गिर गया और चेहरा बिलकुल गुलाबी हो गया है और में ऐश्वर्या की आखो में खो चूका हु इतनी झील सी नीले आखे की बस जी करता है इसी में समां जाऊ। मैंने अब चेहरे से बालो को हटाया और गली को सहलाया भाई शाहब मत पूछो केसा एहसास हुआ है मैंने गली को चूमना चाहा तभी एक दम से मुझे धक्का दिया और भागने की कोसिस कि मैंने तुरंत चुन्नी पकड़ ली और खींच लिया अपने पास और जोर से कमर को पकड़ के अपनी और खीचा और हम एक दूसरे की आखो में खो गए और मुलायम से बिस्तर पर जा गिरे। बगल में स्ट्रॉबेरी थी मैंने उसके होठो पर लगाए और वो ऐसे चूसने लगी मानो की जैसे मेरा वो चूस रही हो। मेरा तो गीला हो गया पेंट में ही। बस क्या था अब तो आग लग गयी थी तड़प ही ऐसी थी की रहा नहीं जा रहा था। बस स्ट्रॉबेरी को हटा के मैंने होठो को चूसना शुरू किया पहले ऊपर वाले फिर निचे वाले अजी क्या कहने। ऊपर वाले होठ से तो आम का रस मिल रहा था और निचे वाले में मौसमी का। अब तो भाई रस पान में जुट गए आधा घंटा हो गया चूसते और पीते होते। ऐश्वर्या जी इतनी गरम हो गयी मेरे सारे कपडे उतरने लगी और मेरे को समझ नहीं आ रहा था हो क्या रहा है बस इतना पता था कि मजा आ रहा है ऐसा मजा तो जिंदगी में कभी नहीं आया। उसके बाद क्या था उन्होंने अपने कपडे उतरना शुरू किया, भाई यकीन न करोगे कि क्या देखने को मिला एक भी बाल रही रुआ नहीं नहीं पुरे बदन में। ऊपर के दोनों बस दबा के शुरू हो जाऊ अभी और निचे का तो न ही पूछो। बस अब न रहा जा रहा दोनों पी रहा हु आहा क्या स्वाद है कभी निम्बू का स्वाद तो कभी आम का तो कभी अननास तो कभी अंगूर का स्वाद। भाई ऐसा भी कभी होता है क्या मुझे तो पहली बार स्वाद मिला। आपको कभी हुआ हो तो बताना जरूर। अब तो मेरा डंडा बस जा घुसा और भाई आवाज़ तो इतनी जोर की आयी की क्या ही कहु। बाप रे ! खून आ रहा है। वह से तो अब क्या करू।

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